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Bhairudas Vaishnav

Romance

4  

Bhairudas Vaishnav

Romance

दिल की बात

दिल की बात

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ना कसूर है दिल का, ना कसूर है उनका

वक्त था ऐसा, जब मिले थे आप

मिले हम मीठी-सी, तकरार के साथ

देखा जबसे तुमको, पहली नजर में प्यार हो गया।


क्या बात थी उनमें, जो आखों में समा गये

कहता है वीर...

य़े प्यार ही तो है, जो उनसे हमें हुआ

आई तो वैसे कितनी सुन्दरियां, 

पर उनकी बात ही कुछ और है। 


आयी जब से जिन्दगी में, बदल गये हमारे तौर-तरीके 

क्या जादू था उनकी बातों में, जो इतना करीब आ गये हम 

अनजान थे दोनों इस बात से, हो क्या रहा था साथ में 

मिले तो लगा यूं, जैसे बचपन से था इंतजार। 


जब होता मन उदास, कर लेती मुझसे वो बात 

हुये जब दूर हम उनसे, लगा गले रोये थे बहुत 

जानता है वीर वक्त का खेला, यहां खुशियां ज्यादा ना ठहरती 

जीलो ये पल खुल के जब तक साथ हम-तुम।। 



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