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Prafulla Kumar Tripathi

Action Fantasy

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Prafulla Kumar Tripathi

Action Fantasy

फिल्म (कविता )

फिल्म (कविता )

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दे रही है नई सदी को, खूब - खूब इल्म,

रंग और उमंग से आज, देखो बन रही है फिल्म।

यहाँ - वहां बांट रही, मुफ्त की तालीम,

हर विषय पर सोच - दिशा, दे रही है फिल्म।।


बेच रही युवाओं को है, रोज़ नए ख़्वाब,

हुस्न और अदा के हुनर पा रहे शबाब।

यूं लगे कि मानो कोई निकला आफताब,

चौदहवीं के चाँद जैसा लगता लाजवाब ।।


पर्दे पर भी है चमक रहा, ग़र करता कोई जुल्म,

अन्याय पर भी आज सितम ढा रही है फिल्म।

गमगीनियत मिटाने चलो करते हैं पहल,

हम देख कर अभी हैं आते कोई एक फिल्म।।



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