मेरा भारत सुपर पावर
मेरा भारत सुपर पावर
भारत की संस्कृति गाथा और संस्कार महान हैं।
न केवल यह सोने की चिड़िया, यह सोने की खान हैं।।
जिसने जानी संस्कृति की बातें, महान वह स्वयं हो गया।
भारत ही सदा विश्व गुरु, अध्यात्म का केंद्र भी यही रहा।।
अनगिनत आते शिक्षार्थी देश विदेश से यहाँ सदा सदा।
ज्ञान विज्ञान की शिक्षा दीक्षा, आत्म साक्षात्कार देती यहाँ।।
यही तो है भारत की शक्ति, आत्मज्ञान जो हमें करवाये ।
साधारण से असाधारण की यात्रा सफल यह करवाये ।।
कितने विराट साहित्य यहाँ, मार्गदर्शक हमारे है।
महापुरुषों के जीवन के, पदचिन्ह प्यारे प्यारे हैं।।
साधन से नहीं, हम साधना से विजय पथ सजाते है।
संघर्षों से नित लिख कहानी, शूरवीर बन जाते है।।
आत्मज्ञान के पथ पर चल, हमने सफलता पाई हैं।
सुपर पावर विश्वगुरु की प्रतिमा, भारत ने बनाई हैं।।
नारी यहां प्रेम, करुणा की प्रतिमा, माँ दुर्गा का रूप हैं।
त्याग, तप, तितिक्षा से मिटाती वह हर भवकूप हैं।।
कितने गुण इस वसुधा के, देव भी नरतन धरते हैं।
साधरण पथ पर चल हम, सुपर पावर बनते है।।
