पहली मुलाक़ात में
पहली मुलाक़ात में
मैं हर रोज़ रात को छत पर ही बैठकर पढ़ता था,
वो तब हर रात को सैर करने निकला करती थी।
पहली मुलाक़ात में दोनों को तभी प्यार हुआ था,
रोज़ रात को पढ़ने का इंतज़ार किया करती थी।
रात को नाइट सूट पहने हुए जब निकला करती,
कभी गुलाबी तो कभी लाल रंग में परी निकली।
मेरे तन-मन ने पढ़ाई-लिखाई करना छोड़ दिया,
बस वो मुझे व मैं उसे प्यार से तकता रहता था।
फ़िर एक दिन हमें प्यार में जुदाई का दर्द मिला,
वो विवाह करके हमेशा के लिए दुबई चली गई।
मेरे प्यार की कहानी की शुरूआत इंतज़ार में,
आगाज़ होने से पहले अंजाम पर पहुँच ख़त्म हुई।

