मनुष्य जीवन अनमोल।
मनुष्य जीवन अनमोल।
आदमी मुसाफ़िर जीवन जी रहा,
मंजिल की तलाश में भटक रहा।
जीवन अनमोल धन ही सब का,
मानव जीवन दोबारा ना मिलना।
माता पिता से शुरू होती ज़िंदगी,
बचपन से बुढ़ापे तक ही ज़िंदगी।
कभी धूप रूप में सुख चैन मिला,
कभी छाँव रूप में दुख-दर्द मिला।
जीवन अनमोल तो कद्र करना है,
मुसीबतों परेशानियों से लड़ना है।
पाप करके पशु नहीं बनना हमने,
पुण्य करके मानव बनना है हमने।
सबका मनुष्य जीवन अनमोल है,
भलाई करके पुण्य सदैव कमाना।
