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Ashish Pathak

Abstract Romance Action

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Ashish Pathak

Abstract Romance Action

जिंदगी और प्यार

जिंदगी और प्यार

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इक दिन तो सबको मरना है, पहले मर जाना ठीक नहीं।

जो रूठा हो ख़ुद ही ख़ुद से, बेवजह सताना ठीक नहीं।


मालूम नहीं क्या-क्या पाया, क्या खोकर अब हम आएं है।

जो भूल गया खुद को तुझमें, फिर उसे भुलाना ठीक नहीं।


नादान बेचारा सा दिल ने, सिद्दत से तुझको चाहा है।

सब कुछ कर लो तुम जान मेरी, पर छोड़ कर जाना ठीक नहीं।


और ये चाँद, सितारें क्या कीमत, हम जान भी तुझको दे देंगे।

तुम चाहो तो दो प्यार मुझे, पर बेवफा बुलाना ठीक नहीं।


ये हाल हमारा ना होता, हम पहले कितने अच्छे थे।

ये इश्क़ किया था तुमनें भी, इसे खेल बुलाना ठीक नहीं।


ये सारा जहाँ अंजान मुझे, बेजान मुझे अब लगता है।

तुझमें ही खोया रहता हूँ, अब बात बनाना ठीक नहीं।


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