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Ashish Pathak

Abstract Romance

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Ashish Pathak

Abstract Romance

करीब आना तो बेहिसाब आना

करीब आना तो बेहिसाब आना

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आना जब आना मेरे करीब तो बेहिसाब आना ।

मुझे आदत नहीं है इश्क में हिसाब रखने की ।।


मैं हूँ तेरे सामने एक खुली किताब ।

मुझे आदत नहीं है चेहरे पर नकाब रखने की ।।


मुझे शौक नहीं ज्यादा इस दुनिया में रहने का ।

मैं कोशिश करता हूँ तेरी दुनिया बनने की ।।


अगर हो मुझसे रुख़सत तो इस कदर होना ।

कि फिर जरूरत ना रहे कभी ख्वाबों में भी मिलने की ।


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