करीब आना तो बेहिसाब आना
करीब आना तो बेहिसाब आना
आना जब आना मेरे करीब तो बेहिसाब आना ।
मुझे आदत नहीं है इश्क में हिसाब रखने की ।।
मैं हूँ तेरे सामने एक खुली किताब ।
मुझे आदत नहीं है चेहरे पर नकाब रखने की ।।
मुझे शौक नहीं ज्यादा इस दुनिया में रहने का ।
मैं कोशिश करता हूँ तेरी दुनिया बनने की ।।
अगर हो मुझसे रुख़सत तो इस कदर होना ।
कि फिर जरूरत ना रहे कभी ख्वाबों में भी मिलने की ।