STORYMIRROR

Ashish Pathak

Others

3  

Ashish Pathak

Others

अल्फ़ाज़ दिल के

अल्फ़ाज़ दिल के

1 min
132

जिंदगी की एक भूल ने, मुझे तन्हा बना दिया।

बात छोटी सी थी पर लोगों ने बड़ा बना दिया।


कागज भी फना हो गया मेरे अश्क पोंछते पोंछते,

मेरी कलम के अल्फाजों ने मुझे इतना रुला दिया।


ला कर खड़ा कर दिया, मुझे पत्थरों के शहर में,

उन्हें तराशते रहे साहिब और खुदा बना दिया।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍