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Ashish Pathak

Others

4.0  

Ashish Pathak

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अल्फ़ाज़ दिल के

अल्फ़ाज़ दिल के

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जिंदगी की एक भूल ने, मुझे तन्हा बना दिया।

बात छोटी सी थी पर लोगों ने बड़ा बना दिया।


कागज भी फना हो गया मेरे अश्क पोंछते पोंछते,

मेरी कलम के अल्फाजों ने मुझे इतना रुला दिया।


ला कर खड़ा कर दिया, मुझे पत्थरों के शहर में,

उन्हें तराशते रहे साहिब और खुदा बना दिया।


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