पैसा
पैसा
पैसा है तो है सब रिश्ते नही है तो
जो रिश्ता ख़ास होता है वो भी तोड़ देती है गरीबी
जब होता है पैसा पास तो पराये भी अपने होते हैं ।
इस दुनिया में तभी तक पूछते है जब तक हैं चार पैसे
आप को मुसीबत में न कोई पूछता कि आप कैसे हैं? ’’
अब सबका नाम होता है पैसा ही दुनिया में ।
और पैसा ही देखो आज फिर बदनाम करता है।
न काम आती ब्यूटी और न नाम होता डिग्री से
इस दुनिया में सबके काम बनते है तो सिर्फ
गाँधी जी कि तस्वीरों से
यह भूख कैसी भूख है जो मिटती ही नहीं भाई,
चाँदी की चमचम और ये सिक्कों की खनकाई,
आँखो का पानी भी, भाई पैसा सोखे
यह भूख ऐसी भूख जो मिटती नहीं भाई।।
पैसा नहीं सब कुछ फिर भी मोल इसका है,
दुनिया में पैसा ही नही तो बोल किसका है?
दुनिया में पैसा ही नही तो बोल किसका है?