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Shrutika Mahajan

Tragedy

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Shrutika Mahajan

Tragedy

मुझे कुछ समझ नहीं आता।

मुझे कुछ समझ नहीं आता।

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क्या लिखूँ में अपने बारे में 

मुझे कुछ समझ नहीं आता। 


अक्सर जिंदगी में जो कोई आता है 

कभी हंसाता तो कभी रुलाता 

यही जिंदगी का इरादा 

मुझे कुछ समझ नहीं आता। 


मैं सबको समझती हूँ

पर मुझे कोई नहीं समझता। 

लोगों से जुड़ा ये रिश्ता 

मुझे कुछ समझ नहीं आता। 


ये जिंदगी है या क्या है कुछ नहीं पता। 

 जिंदगी को ढूंढते ढूंढते 

रास्ता ही हो गया लापता। 


जो कोई आता है 

जिंदगी में अक्सर रुलाता 

जिंदगी जीने का यही तरीका 

मुझे कुछ समझ नहीं आता। 


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