पाठ प्रेम कहानी का
पाठ प्रेम कहानी का
याद मुझे अब आता है,
यूँ फूलों सा तेरा खिलना,
हर पल मुझे बताता है,
वो शाम ढले अपना मिलना,
उन रातों में हम आज भी है,
जिनमें खोए से रहते थे,
उन बातों में हम आज भी हैं,
जिनमें सोए से रहते थे,
वो नीर का तुझ में मिल जाना,
मेरी साँसों को बढ़ाता था,
तेरी साँसों का वो गाना,
हर रात में मुझको जगाता था,
छूना मेरा तेरे होठों को,
और डूब के पार यूँ हो जाना,
नखरे में जब गुस्सा होऊँ,
तेरा नज़दीक यूँ आ जाना,
ना भूले मुझको हर वो पल,
जहाँ तारें हमने तोड़े थे,
वो पाठ था प्रेम कहानी का,
जहाँ हमने हिस्से छोड़े थे।।