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Uday Pratap Dwiwedi

Tragedy Fantasy

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Uday Pratap Dwiwedi

Tragedy Fantasy

पापा! तुम कब आओगे?

पापा! तुम कब आओगे?

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आया सावन फिर हो दुरुस्त 

आया फिर से पंद्रह अगस्त 

राखी फिर से देखो आई 

और नागपंचमी मस्त मस्त 


साल बीतते फिर आये सब 

आखिर तुम कब आओगे ?

बोलो पापा कब आओगे ? 


दीवाली के दिन भी लौटे 

और दशहरा भी लौट आया 

छठ पूजा की धूमधाम है 

हमने सबने साथ मनाया 


नई फसल फिर से उग आई 

फिर बोलो तुम कब आओगे ?


क्रिसमस आया फिर नया साल 

संता ने पूछा हाल चाल 

गणतंत्र दिवस पर फेरी देने 

फिर निकले थे लाल बाल 


शिव रात्रि में शिव भी आये 

बोलो ना तुम कब आओगे ? 


होली आई, आया बसंत 

फिर से खुशियाँ लाया अनंत

रामचंद्र फिर से आये  

रावण का फिर कर दिया अंत 


पतझड़ में पत्ते लौट आये 

अब तो कह दो तुम कब आओगे ?



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