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Uday Pratap Dwiwedi

Classics Inspirational

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Uday Pratap Dwiwedi

Classics Inspirational

क्या सचमुच आज़ाद हूं मैं ?

क्या सचमुच आज़ाद हूं मैं ?

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क्या क्या देखे हैं मैंने एक मरता हुआ किसान भी देखा।

मैं भारत हूं वीर शहीदों का मैंने बलिदान भी देखा।।


मैंने देखा राम कृष्ण को, गौतम जैसे ज्ञानी को

मैंने देखा चूर चूर होते रावण अभिमानी को।।


चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के शासन की गुणवत्ता को

मैंने देखा एक विलासी धनानंद की सत्ता को।।


मैंने देखा है राणा सांगा की अस्सी चोटों को

मैंने देखा मानसिंह से बिन पेंदी के लोटों को।।


मैंने देखा है सुभाष को, भगत सिंह की आंधी को

अंग्रेजों से लड़ते देखा एक निहत्थे गांधी को।।


अपने ही बेटों को मैंने देश बांटते देखा है

मै हिन्दू मैं मुस्लिम कहकर गला काटते देखा है।।


कहां से चले कहां आ गए क्या तुमको अब याद हूं मैं

आजादी पायी मैंने पर क्या सचमुच आज़ाद हूं मैं ?


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