पपुआ फिर से
पपुआ फिर से
अब पपुआ को प्यार हो गया
पहली पहली बार हो गया
सीधे सादे नौजवान पर
कैसा अत्याचार हो गया
अब पपुआ को...........
घर से निकला कामकाज को
लाने फिर से राम-राज को
लड़की एक सयानी देखी
दिल दे बैठा चालबाज को
आँखों से आँखें मिलते ही
जन्मों का इकरार हो गया
अब पपुआ को............
पपुआ और प्रियतमा उसकी
पीते बिन सोडा के व्हिस्की
कम इनकम और शोपिंग ज्यादा
अब तो माली हालत खिसकी
कर्जा ले ले खर्च चलाता
पपुआ कर्जेदार हो गया
क्यों पपुआ को प्यार......
साथ उसी के दिन बीताता
देर रात घर वापस आता
कोई पूछे लेट क्यों हुआ
आफिसवा में काम बताता
ओवर टाईम करते करते
थका थका बीमार हो गया
अब पपुआ को.............
रोज उठाता नाज ओ नखरे
बदनामी के खाज ओ खतरे
पाजामे का नाडा पकड़े
दौड़ रहा है बिखरे बिखरे
अययाशी के इस चक्कर में
कुंठित हो लाचार हो गया
अब पपुआ को प्यार हो गया
एक दिन पपुआ दिखा उदास
खाता था जो चवनप्राश
ऑफिस वाली के चक्कर में
जॉब छूट गयी हुआ निराश
कैसे खर्च चलाएगा अब
सोच सोच बेजार हो गया
क्यूँ पपुआ को .........
ढही जो पैसे की दीवार
टूट गया सब प्रेम करार
पपुआ छोड़ प्रेमिका उसकी
किसी और संग हुई फरार
दिल की ह्रदय हीनता देखो
प्यार नहीं व्यापार हो गया
क्यूँ पपुआ को प्यार.......
पपुआ बैठा लोर बहाये
कैसे पागल दिल समझाये
घर का रहा न रहा घाट का
फिर से पप्पू किधर को जाये
देख समय की ये लाचारी
मैं भी तो लाचार हो गया
क्यूँ पपुआ को.............
