हम भी संसार खरीदेंगे
हम भी संसार खरीदेंगे
आज हमारा युवा वर्ग क्यों पड़ा हुआ लाचार कहीं।
क्यों खोया है आज वतन के सपनों का बाजार कहीं।।
क्यों सत्ता खामोश हो रही अवसर छीन युवाओं का
क्यों भविष्य चौपट करते हो इन घनघोर घटाओं का।।
क्यों इनको अपने पैरों पर खड़ा नहीं होने देते
भारत अब भी बच्चा है क्यों बड़ा नहीं होने देते।।
हम युवा वर्ग भी अपने सपनों का आधार खरीदेंगे
हमको अवसर देकर देखो हम भी संसार खरीदेंगे।।
इस युवा देश की युवा सोच में अब बदलाव जरूरी है
पानी सर के ऊपर बहता है अब टकराव जरूरी है।।