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Neeru Nigam

Drama

3  

Neeru Nigam

Drama

पापा और डैड

पापा और डैड

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बच्चे की हर इच्छा, 

पापा उसके कहे बिना ही, 

समझ जाता है, 

सौ बार याद दिलाने, 


के बाद भी, 

जो हमेशा भूल जाता है, 

वो और कोई नहीं डैड होता है।


बच्चों का पेट भरने को, 

जो अपने मुंह का निवाला, 

बच्चों के मुंह में डाल देता है, 

वो पापा होता है, 


जो देर रात घर आये, 

बच्चों ने खाया या नहीं, 

यह भी ना जान पाये, 

वो, और कोई नहीं डैड होता है। 


बच्चों की हर जिद ना पूरी कर, 

जो उन्हें मेहनती बनाये, 

जो उनको खुद पर भरोसा

करना सिखाता है, 

वह पापा होता है, 


जो अपने बच्चों की, 

हर जिद पूरी कर, 

भौतिकता को ही

जीवन का मंत्र बताता है ,

वह और कोई नहीं, 

डैड ही होता है।


अपने बच्चो मे, 

मूल्यों को देने के लिए, 

जो हर रात वही सब कहानिया, 

दोहराता है, , 

वह पापा होता है, 


समय आभाव में, 

अपने बच्चों को मोबाइल, 

टैब, वीडियो गेम, 

दिला कर, 

जो खुद को बहुत सफल मानता है, 

वो डैड ही होता है ।


जो अपने बच्चे के, 

सू-सू करने के बाद भी 

गोद से ना उतारे, 

वो और कोई नहीं पापा होता है, 

जो अपने ही बच्चे के, 


सू-सू करने पर

अपने महंगे कपड़े की चिंता कर, 

गोद से उतार आया को पकड़ा देता है, 

वो डैड ही होता है।



बूढे हो गए, 

अपने माता -पिता को, 

जो अकेला ना छोड़ दें, 

वो पापा होता है, 

लाखों रूपयो का मालिक हो कर भी, 


अपनी आराम में खलल ना पड़े, 

जो अपने बूढ़े माता -पिता को, 

किसी आश्रम मे छोड़ आता है, 

वह डैड होता है।


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