न्यौछावर मत करना
न्यौछावर मत करना
दुनिया मे दो लोग तुम्हे जान से भी प्यारे है।
एक तो पापा तुम्हारे मगर दूसरा कौन है।
हम से क्यूं हिचकिचाते हो बताने में,
आखिर क्यों, सवाल का जवाब, मौन है।
मेरे चुटकुले भी अब खुलकर हंसा नही पाते,
मगर खुद बेसाख्ता मुस्कुराने लगते हो।
पता नही, ऐसा क्या है उसमें ख़ास जो,
आजकल बड़ा महके महके से रहते हो।
एकटक मुझे देख रही हो जैसे,
मुझमे भी उसकी ही तलाशी हो।
कोई राज सा लगता है हँसने में ,
जब पूछता हूं और मेरी लाडो कैसी हो।
मेरी दोस्ती है वो जो तुम कहो तो,
रात या दिन नही देखेगी तेरे लिए।
कोई वादा नही, ना सही, फिर भी,
यारी मेरी, कोई शर्त नही रखेगी तेरे लिए।
मैं नही कहता प्यार मत करो उससे,
बस एक तरफा मत करना
मेरी जान है तुम्हारी भोली हंसी में,
हाथ जोड़ता हूँ, उस पर न्यौछावर मत करना।