नव प्रभात
नव प्रभात
ठंडी-शीतल वायु बहती, खग-विहग चहचहाते है
मधुर-मधुर सी ध्वनि प्यारी, कर्ण को सुकून दे जाती है।।
हरियाली का पहरा देखो, पेड़-पौधे लहराते है
शांति चित्त सा वातावरण, विचार, नए-नए तब आते है।।
सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती, जब पार्क घूमने जाते है
रंग-बिरंगे फूल पार्क के, मुस्कान, चेहरे पर लाते है।।
सुंदर कितना प्यारा मौसम, उसकी, छटा अद्भुत पाते है
सूर्य उगता धीरे-धीरे, सूत्र, जीवन का पाते है।।
कर्म की अपने सूची बनाते, नियम में उसको लाते है
हल खोजते, अड़चन का, फिर, शांति से दिन बिताते है।।
सफल जीवन कुंजी यही है, शास्त्र सभी बतलाते है
इतना प्रभाव है सुबह का यारों, सब प्रभु की शरण ले जाते है।।