नशा
नशा
नशा कितना नशीला होता है
पर नशे में हमारा नाश होता है
पल भर की रंगीनियां
बरसों की उम्मीदें धूमिल करती है
नशे में डूबे हम ज़िन्दगी तबाह करते हैं
न रहता है होश
न उसके बाद किसी पर दोष
और देखते ही देखते सब होता है
स्याह
अब भी होश में आओ
नशे को तुम न यूँ हमदर्द बनाओ
सच्चा साथी है तुम्हरा कर्म
उसी को पूजो और अपना नाम कमाओ
नशे में यूं न ज़िन्दगी तबाह करो।