Lisha Sachdeva

Others Tragedy

1.2  

Lisha Sachdeva

Others Tragedy

प्रहरी

प्रहरी

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कहते हैं नारी है मर्यादा की देवी,

इस देवी को देव भी शीश झुकाते हरदम।

फिर कैसे कुछ तुच्छ हीन मानसिकता दानव,

कर जाते है उसका चीर हरण इक पल में।

कैसे कह दे कलयुग ने बस पाँव धरा है।

आ जाओ अब नीले घोड़े पर तुम कल्कि।

और अनर्थ ना होने दो, बस अब इस जग मे।

तुम ना आ पाओ तो भेज दो कोई प्रहरी।

तुम ना आ पाओ तो भेज दो कोई प्रहरी।


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