नकाब
नकाब
नकाब बड़ा अच्छा लगता है तुम्हारे चेहरे पर
इसे भी वैसे ही फरेब से बनाया होगा
वक्त के साथ बदल रहोगे या फिर
किसी दुसरे नकाब को चढ़ाया होगा
हमारी तो तुम्हें कुछ फिकर ही नहीं
उसी दिन से तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं
दिल कहता है कि वह कभी नहीं आएगा
पर उस दिल को भी इंकार कर रहे हैं
हो सकता है एक नए नकाब में रहकर
तुमने किसी और को फसाया होगा
कुछ दिन ही सही पर वक्त बिताने के लिए
किसी और को तुमने बहकाया होगा
मुंह पर कुछ और पीठ पीछे कुछ
हाँ यही सब करना तुम्हारी आदत है
तुम खेलतीं हो भावनाओं के साथ
भले ही वो खुदा की इबादत हैं।
