नजर ठहर जाये ।
नजर ठहर जाये ।
नज़र फिर ठहर जाये,
काजल को भिगोते,
अंखियों के कोरे पे,
शायरी फिर हो जाये,
शब्दो से बंधे,
कलम से लिखे शेरों पे,
चांदनी फिर छू जाये,
रोशन तारे हज़ारो हो,
छुप जाये सब सवेरों से,
सलiम करती रह जाये,
महफ़िलो की महफ़िल,
बेफिक्र तनहा के उलट फेरो से।