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Bhavna Thaker

Romance

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Bhavna Thaker

Romance

नज़्म

नज़्म

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तुम मेरी ज़िंदगी की प्यारी सी हसरत हो,

हाथ उठाए इबादत में पाई वो दौलत हो।


जवाँ धड़कनों का जुनूँ शमा की लौ सा,

तुम मेरी शीत सुबह में धूप सी कुर्बत हो।


थर्रथर्राती आरज़ूओं को हवा दे दो ज़रा,

काबू कैसे हो हसरत तुम खूबसूरत हो।


किस तरह छोड़ दूँ तुम्हें चाहना कहो यारा

तुम ख़्वाब नहीं ज़िंदगी की हकीकत हो।


चलो मिलकर लिखें एक सुहानी दास्तान, 

तुम मेरी पहली ओर आख़री मोहब्बत हो।


रहो करीब मेरे इतना की साँसे सुनाई दे,

तुम हो बस मेरी बाकी सबसे वहशत हो।


सुबह की पहली सोच तुम रात का सुकून 

पल पल सोचूँ तुम्हें ज़िंदगी की आदत हो


चलो हथेलियों पर एक वादा रखें दोनों, 

साथ रहे सदा यूँ ही ना कभी फुरक़त हो।


ताउम्र आगोश में मेरी महफ़ूज़ रखूँ तुम्हें, 

रूह की गहराई से चाहूँ मेरी अमानत हो।



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