नियोजित शिक्षक
नियोजित शिक्षक
आज शिक्षक की क्या हालत हो गई है
सभी विद्यालय जैसे आज अदालत हो गई हैं
हर छोटी मछली बड़ी मछली का शिकार बन रही है
शिक्षा देना बच्चों को सरकारी व्यापार बन रही है
नेता भी लगे है अपनी उल्लु सीधा करने में
चापलूसों की क्या कहें भला जो लगे हैं जेब भरने में
शोषित होते शिक्षक सब जो डगरे का बैगन बनते है
घर परिवार की ना सोचे और उजड़े उपवन बनते हैं
इनमें भी है खूब खराबी अब क्या क्या मैं बखान करूँ
काम है लोहे के चने चबाना फिर क्यों ना मैं सम्मान करूँ
हे भगवान तुझे क्या कभी इनसे कोई दुश्मनी हुई थी?
क्या तेरा नेताओं से भर भर घुटने बनी हुई थी?
हर क्षेत्र में हर कार्य में अधिकारी निकाले इनका फरमान
केवल बिहार में आज मिल नहीं रहा इन्हें सम्मान