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Akanksha Gupta (Vedantika)

Classics

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Akanksha Gupta (Vedantika)

Classics

निकल चली है जिंदगी

निकल चली है जिंदगी

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वक्त के बढ़ते हुए

कदमों के साथ,

निकल चली है जिंदगी,

एक अनजाने सफर पर।


कुछ मुश्किलें कुछ बंदिशें,

बंधक बनी है जिंदगी,

एक अनजाने सफर मे।


कभी फूल कभी कांटे,

चुभती हुई सी है जिंदगी,

एक अनजाने सफर में।


कभी खुशी कभी गम,

रंग बदलती हैं जिंदगी,

एक अनजाने सफर में।


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