नीम की निबौरी
नीम की निबौरी
नीम की निबौरी पर बचपन का सुना गीत
स्मृति पटल पर सुकून देता याद आता,
मॉं का मधुर स्वर कानों में गूँजता रहता
किसी सुन्दर से स्वप्न लोक में ले जाता।
मॉं के पैरों के पंजों पर बैठकर
झुझू पईंयॉं कराना और खुश होना,
मॉं का नन्हीं बिटिया से लाड़ लड़ाना
और बिटिया का ख़ुशी से चहकना।
“झुझू पईयॉं , कन्त कतईयॉं
राजा की बेटी नीम की निबौरी,
कच्ची - कच्ची आपको
पक्की - पक्की बाप को।”
बड़े होने पर वर्षा काल में निबौरी
नीम गाछ के तले पड़े पीले फल,
देखे और भरे अँजुरी में अपने से
कौन कहे नीम तिक्त या मीठा !
नीम की पत्ती नहाने के पानी में
नीम के सूखे पत्ते गर्म कपड़ों में,
नाम की दातुन दॉंत स्वच्छ करने में
और नीम की मीठी निबौरी खाने में।
नीम की हवा स्वास्थ्यवर्धक
नीम के पेड़ नीचे सुन्दर छाया,
नीम की कोमल नयी पत्ती खायें
तुलसी और करी पत्ती के साथ।
गुणों की खान है नीम विटप
इसमें होता देवी दुर्गा का वास
पूजा जाता है नव रात्रों में
दिन रात देता है ऑक्सीजन।
