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Praveen Kumar Saini "Shiv"

Tragedy

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Praveen Kumar Saini "Shiv"

Tragedy

नेता और आम आदमी

नेता और आम आदमी

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नेता बन हम कुछ भी कर जायें आजादी है

आम जनता है तो भूख से मर जायें आजादी है

नेता बन पुलिस और प्रशासन हम पर अधिकार ना जतायें आजादी है

आम जनता है तो सड़क पर पैदल चलते भी मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान कट जायें आजादी है

नेता बन हम जब चाहे कोर्ट में पेशी को जायें आजादी है

आम जनता है तो पिता के निधन की जायज मांग पर भी कोई छूट न पायें आजादी है

नेता बनकर हम गरीबी के मुद्दे चलाएं और अपनी स्वयं की गरीबी दूर हटायें आजादी है

आम जनता है तो गरीबी पर यदि आवाज भी कर जाएं तो हम देशद्रोह के जुर्म के अंदर जेल पहुंच जायें आजादी है

नेता बनते हैं जनसेवा को वह नहीं कोई नौकरी फिर भी दसवीं पास नेता लाखों का वेतन पायें आजादी है

आम जनता मास्टर डिग्री लेकर भी अपनी जवानी से लेकर बुढ़ापे तक नौकरी में खोकर पायें फिर मुट्ठी भर वेतन पायें आजादी है

नेता बनकर हम 5 साल में खूब मलाई खाए उसके बाद भी वीआईपी कल्चर और मोटी पेंशन पायें आजादी है

आम जनता है तो जीवन भर करते नौकरी फिर भी अंत में मुट्ठी भर पेंशन पायें आजादी है

नेता बनकर ₹1 का भी टैक्स ना चुकायें आजादी है

आम जनता टट्टी पेशाब करने का पैसा भी दे तो उस पर भी टैक्स चुकायें आजादी है

मुंद्दा थोड़ा सा हटके है।।


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