प्रश्न, जो ना हो
प्रश्न, जो ना हो
उस मल्टीप्लेक्स, बड़ी गाड़ियों,
बड़े जहाज़ और बड़ी थालियों वाले के पास,
रानी है, वज़ीर है,
घोड़ा-ऊंट-हाथी है।
कवच पहने पहलवान से प्यादे भी हैं।
मेरे पास केवल कुछ प्यादे हैं।
नंगे और भूखे।
फिर भी मैं चला हूं,
उससे उसी का शतरंज खेलने।
उन नंगे-भूखे प्यादों के लिए,
उन नंगे-भूखे प्यादों को लिए।
यह कहते हुए कि,
यह सब तुम्हारा है, नंगे-भूखों।
तुम्हारे लिए ही है।
तुम्हारे द्वारा ही है।
और वे नंगे-भूखे प्यादे पूछ रहे हैं मुझसे,
उनके दिमागों के छेद बंद करता प्रश्न कि,
इतना तो बता दो कि,
जिस रानी को जिताना है,
वो है कहां?
और, इसी प्रश्न के कारण वे मरते दम तक प्यादे ही रहेंगे,
वो भी नंगे और भूखे।
