कश्ती जब डगमगाई
कश्ती जब डगमगाई
जब हर कश्ती ने हमसे किनारा किया
तब हमने तैर कर समुंदर पार किया !
स्वयं का मर्म जानने की चाह में
अंतर्मन को कंदराओं में कैद किया!
अंतस के परम ज्ञान की तलाश में
सांसारिक माया से हमने किनारा किया!
अनसुलझे पहेलियाँ सुलझाने के लिए
हर पल अपने अंतर्मन से द्वंद्व किया !
अंतस के परम ज्ञान की ही तलाश में
सांसारिक माया से हमने किनारा किया!
अंतस के परम ज्ञान की तलाश में
सांसारिक माया से हमने किनारा किया!
अंतस के परम ज्ञान की ही तलाश में
सांसारिक माया से हमने किनारा किया!
क्या खोया और क्या पाया गम नहीं
कांटों भरी राहें हमने स्वीकार किया!
अंतस के परम ज्ञान की तलाश में
सांसारिक माया से हमने किनारा किया!
अंतस के परम ज्ञान की तलाश में
सांसारिक माया से हमने किनारा किया!
वसुंधरा की गोद में सर झुका कर
खुद को प्रकृति को समर्पित किया !
अंतस के परम ज्ञान की तलाश में
सांसारिक माया से हमने किनारा किया!
काल के सारे भय से मुक्त हो कर
हमने जीवन जीना स्वीकार किया!
अंतस के परम ज्ञान की तलाश में
सांसारिक माया से हमने किनारा किया!
तेरे इश्क ए समंदर में डूब कर भी
हमने किनारे को सदा पार किया !
जो हमें छोड़कर छलकर चले गए,
उन बेवफा को भी हमने प्यार किया!
