देख लेना।
देख लेना।
जिंदगी तुम बिन कहां गुजरी है आकर देख लेना ।
उस पार से इस पार तुम चाहो तो आकर देख लेना।
मेघ बनते ही रहे है पर सागर भला कब रीतता है।
उम्र भर आंसू बहा कर नैनो का जल कब रीतता है।
अब भी आंखें मेरी नम है चाहे तो आकर देख लेना।
जिंदगी तुम बिन कहां गुजरी है आकर देख लेना ।
वो जो तेरी यादों की किताबें इश्क में मैंने लिखी हैं।
मेरी हसरतें वो आरजू जैसी थी तब अब भी रखी हैं।
मेरे मन मंदिर में जो मूरत बसी है आकर देख लेना
जिंदगी तुम बिन कहां गुजरी है आकर देख लेना ।
बीते दशकों से नदी के किनारे अभी वैसे ही खड़े हैं।
साथ बीते तेरे जो पल दिल में अब फोटो से जड़े हैं।
मेरी तन्हाई में अब भी गीत तेरे गूंजते हैं देख लेना
जिंदगी तुम बिन कहां गुजरी है आकर देख लेना ।

