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SARVESH KUMAR MARUT

Drama

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SARVESH KUMAR MARUT

Drama

नारी तू बस नारी नहीं

नारी तू बस नारी नहीं

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नारी तू बस नारी नहीं,

सृष्टि का आधार हो तुम।

          जीवनदाता भाग्यविधाता,

          जय हो-जय हो नारी तेरी। 

तुम दयानिधि और काली रूप हो,

तेरे विविध रूप साकार हो तुम।

           शत-शत नमन करते हैं हम,

          बहुत बड़ा आभार हो तुम।।


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