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SARVESH KUMAR MARUT

Drama Action Inspirational

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SARVESH KUMAR MARUT

Drama Action Inspirational

माँ

माँ

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मैं भूल गया अपने ग़म को,

जब माँ ने मुझे पुकारा था।


मैं जीत गया सारी दुनिया,

मैंने जब-जब शीश नवाज़ा था।


मेरी माँ की सेवा में भले ही,

चाहें ज़िस्म लहू ही बिक जाए।


सज़दे करूँ मैं सौ-सौ बारों,

मेरा इसके बिना संसार कहाँ ?


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