बसंत आया
बसंत आया
बसंत आया,
जगत भी हर्षाया ,
हरियाली लिए।1
पीली सरसों ,
फ़ैली हर खेत में ,
गन्ध फैलती।2
कली फूटतीं,
हर बाग़ डाल में,
बहु रंग की।3
पवन झूमती,
गली गली जोर में,
कुछ बोल के।4
ख़ुश है धरा,
देख के हर भरा,
हृदय फला।5
शीत हो विदा,
कोहरा पाला गया,
सूर्य आ चढ़ा।6
वायु वेग से,
तेज़ बहने लगी,
कहने लगी।7
खग पेड़ से,
चहचहाने लगे ,
बड़ी ज़ोर में।8
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तितली उड़ी,
धरा के फूल पर,
रस चूसने।9
देख बसन्त ,
आ गया झूम कर,
श्रंगार कर।।10
ज्ञान को लिए,
चित्त को खुश किए,
रौशनी दिए।11
हरित पात,
बढ़ते शाख पर,
झूलते हुए।12
गीत गाओ,
सखी अब आ गई,
बसंती हवा।13
मानव निरा,
हर्ष में चहकता,
ख़ुश है बड़ा।14
बसंत आया ,
नव संचार लिए,
क्लेश मेटने।15
तू फूले फले,
तम मन से मिटे,
जग से हटे।16