STORYMIRROR

JAYANTA TOPADAR

Tragedy Action Crime

4  

JAYANTA TOPADAR

Tragedy Action Crime

नारी सुरक्षा : एक ज्वलंत मुद्दा

नारी सुरक्षा : एक ज्वलंत मुद्दा

1 min
48

क्यों नारी 

तथाकथित आधुनिक समाज में 

बार-बार यूँ 

'विकारग्रस्त' लोगों की 

कलुषित मानसिकता का 

आसान 'लक्ष्य' बनती है ?


क्यों नारी प्रायः 

किसी गिरोह की 

'पाशविकता' की 

आसान शिकार बनती है ?


क्यों नारी 

तथाकथित आधुनिक समाज में

आपराधिक मानसिकता एवं 

अकल्पनीय, घृण्य दुर्व्यवहार का 

शिकार बनती रहती है ? 


क्यों नारी यूँ 

बेइंतहां हिंसा एवं 

असहिष्णुता का 

'शिकार' बनती है ?


वो १६ दिसंबर २०१२ की 

दक्षिण दिल्ली की 

'मुनिरका' हो, 

२७ नवंबर २०१९ की 

हैदराबाद की 'शमसाबाद' हो 

या ९ अगस्त २०२४ की 

पश्चिम बंगाल की 

'कोलकाता' हो --


हर जगह 

एक नारी ही 

किसी गिरोह की

आपराधिक, 'कलुषित'

मानसिकता का शिकार बनी है 

एवं अपनी बेशक़ीमती 

जान गंवानी पड़ी... !


इस मानव जाति को 

'शर्मसार' करनेवाली, 

नारियों के साथ घटनेवाली

ऐसे जघन्यतम, अवर्णनीय,


अकल्पनीय मानसिक एवं शारीरिक 

अत्याचार व दुर्व्यवहार का 

अंत कब और कैसे होगा -- 

यही एक ज्वलंत 'मुद्दा' 

बन चुका है !


निस्सन्देह आज 

इस समाज में 

हरेक नारी को 

मान्यता देने की 

घड़ी आन पड़ी है...


उनके साथ 

मानवीय एवं 

सहिष्णुतापूर्वक

सद्व्यवहार करना 

हरेक सत्पुरुष का 

परम् 'कर्तव्य' है ।


आज नारी को 

असुरक्षा के भाव से 

मुक्त करने की 

ज़रूरत आन पड़ी है !


नारी सत्ता को 

'यथोचित' मान-सम्मान व 

गरिमा देने की 

घड़ी आन पड़ी है !


पुरुषार्थ यही है कि 

हरेक सत्पुरुष के अंतर्मन में 

किसी भी नारी के लिए 

'आवाज़ उठाने का' 

अदम्य साहस हो, आत्मशक्ति हो... !


आइए, आज इस राष्ट्र की 

हरेक पुरुष एवं नारी 

सुसंगठित होकर 

सुसंस्कृत सामाज व्यवस्था का 

'पुनः जागरण' करें... ! 


आइए, हम अपनी 

एकता की शक्ति का 

सही परिचय देंं 

एवं इस समाज में 

'चौकन्ना' रहकर 

गुज़रबसर करें... !


आइए, हम अपनी 

आवाज़ बुलंद करें

और सशक्तिकरण से कहें --

"हम सब एक हैं !!!"


आइए, हम सब 

साथ मिलकर 

इस समाज को 

नरक में 'रुपांतरित' होने से 

बचाएं... !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy