मुट्ठी भर चाहते....
मुट्ठी भर चाहते....
मुट्ठी भर चाहत लेकर हम तेरे संग सपनो की दुनिया सजा लेते हैं,
कहने को तो खोसो दूर हम एक दुजे से फिर भी दिल तो करीब है,
तेरे भरोसे हमने अपनी आंखों में कई ख्वाब सज़ा लिए,
होगा क्या प्यार का अंजाम ये तो कोई नही जानता,
वक्त के हाथों की कठपुतली ना बन कर रह जाये हमारा प्यार,
चाहत तुमारी भी है सच्ची प्यार हमारा भी है सच्चा,
दिल हमारे टूटेंगे नही ये दिल हमारा है कहता,
थोड़ी सी है चाहते हमारी थोड़ी सी है चाहते तुमारी,
एक दूजे से ज्यादा नही बस वफ़ा की उम्मीद हम है रखते,
प्यार तुमको भी है हमसे प्यार हम भी करते तुमसे,
फिर भी अभी तक एक दूजे की हां है बाकी,
जब होगा मिलन हमारा ये हाँ भी हो जाएगी,
दो जिस्म एक जान है हम एक दूजे की पहचान भी है हम,
एक पल दूर नही रहते है नींद से भी जग जाते है,
जब भी दूँ आवाज़ वो भागा चला आता है,
जब भी वो पुकारे मैं भागी चली जाती है,
दिल से दिल का ये नाता कोई तोड़ ना पायेगा,
चाहते हमारी ऐसी की कोई जुदा कर ना पायेगा,
प्यार हमारा है सच्चा चाहते हमारी है सच्ची,
सच्ची चाहते कबूल कर लेता ऊपर वाला भी ।

