Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Monika Garg

Tragedy

4.4  

Monika Garg

Tragedy

मुरझाए फूल

मुरझाए फूल

1 min
553


कहीं दूर एक कोने में,

गमों का अंधेरा था।

अपनी तकदीर पर रो रहा,

एक बुज़ुर्ग जोड़ा था।


जिस बेटे को इतने

लाड़ प्यार से पाला,

आज फुटपाथ पर,

इसी बेटे ने छोड़ा था।


ए खुदा, क्या तकदीर बनाई,

उन्होंने ही घर से निकाला,

जिनके लिए करी कमाई।


जब बच्चे छोटे थे,

एक पल भी ना रोने दिया।

खुद को मार के,

उनका जीवन रोशन किया।


क्या आज उनके पास

हमारे लिए अनाज नहीं,

या माँ बाप को खिलाना

बच्चों की शान नहीं !


फिर एक बात बोलकर

वह मुस्कुरा दिए,

जब तक हम में खुशबू थी

महफिल की जान बने,


जब बिखर गए तो

एक कोने में लगा दिए।

अपने ही घर से बाहर हम आ गए,

क्योंकि आज हम मुरझा गए।


क्या यह रस्म

आगे भी निभाई जाएगी ?

ऐसे ही सब की हस्ती एक दिन

कचरा नजर आएगी ?


मैं पूछती हूँ,

क्या हम इंसान नहीं ?

जिस माँ-बाप ने हमको पाला,

क्यों उनके घर में

उनके लिए स्थान नहीं ?


यह देख आँखें

शर्म से झुक जाती हैं,

जिन का पल्ला बचपन में

छोड़ने पर रोते थे,


वह माताएँ भी आज

आश्रमों में नजर आती हैं।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy