मुलाकात.....
मुलाकात.....
लोग मुझ से मेरी प्रेम कहानी
के बारे में पूछते हैं अक्सर
तो आज बता रही हूं, सुनो,
लंबी दोस्ती और
महीनों की बातचीत के बाद
मिलने को तन्हा बुलाया उसने
डरते डरते हिम्मत करके गई
चाय पानी के साथ
नज़रों के कोरों से देखता रहा मुझे
फिर कभी सर झुका कर मुस्कुरा देता
जब रुखसत होने लगे तो
अचानक आंखें बंद करने को कहा
धीरे से ज़रा करीब आकर मेरा
माथा चूमा उसने और कहा
कल उसके घर से मेरे घर एक
रिश्ता आएगा,
अगर मंज़ूर हो तो ' हां' कर देना
इसी बात पे मैं दिल हार बैठी
बिन छुए जिस तरह छुआ उसने।