STORYMIRROR

Rishab K.

Romance Classics Inspirational

4  

Rishab K.

Romance Classics Inspirational

मुलाकात

मुलाकात

1 min
386

मैंने जिक्र मुलाकात का किया,

तुमने जिस्म का असरार समझ लिया

रूह तलक जाने की ख्वाइश थी मेरी,

तुमने मतलब के पार समझ लिया


में तो मोहब्बत का इजहार करने आया था,

तुमने मुझे आदमी बेकार समझ लिया।

अब और क्या बताऊं तुमको इससे ज्यादा,

मेरी मैय्यत को तुमने त्योहार समझ लिया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance