मुक्तक
मुक्तक
न जाने आज कैसे वो हमें कर याद बैठे हैं।
हमारे पास आकर वो बहुत दिन बाद बैठे हैं।
चुरा ले इक सुई जो हम सजा में जेल मिलती है
अरे एक वो चुरा कर दिल मेरा आजाद बैठे हैं।
न जाने आज कैसे वो हमें कर याद बैठे हैं।
हमारे पास आकर वो बहुत दिन बाद बैठे हैं।
चुरा ले इक सुई जो हम सजा में जेल मिलती है
अरे एक वो चुरा कर दिल मेरा आजाद बैठे हैं।