हमारे हाथ में तेरा सनम जब हाथ आता है
हमारे हाथ में तेरा सनम जब हाथ आता है
मुकद्दर है ये चाहत के कभी ना साथ आता है
हमारी रात में केवल तुम्हारा ख्याब आता है।
हमारा तन हमारा मन ये खिल जाता है फूलों सा
हमारे हाथ में तेरा सनम जब हाथ आता है।
तेरी चाहत कि दुनिया में, मैं अब हद से गुजर जाऊँ
निगाहों के ही रस्ते से, तेरे दिल में उतर जाऊँ।
भरोसा तुम रखो मुझ पर, निभाऊंगा तेरा वादा
कोई नेता नहीं हू मै, जो वादे से मुकर जाऊँ।

