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Rahul Molasi

Romance

5.0  

Rahul Molasi

Romance

मुझी से प्यार करती है

मुझी से प्यार करती है

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202


इश्क़ तो उसके दिल में भी है, मुझी से प्यार करती है

कहती नहीं मुझसे मगर, पता है मुझी से प्यार करती है


रोज़ गुजरती है करीब से, नज़रों से सलाम करती है

कोई देख ना ले इसका भी खयाल रखती है।


कभी यूं ही ना आ जाए, मेरा ज़िक्र बातों-बातों में

जनाब, वो हर हर्फ का हिसाब रखती है।


वो कर तो सकती है, इजहारे मोहबात हमसे

जहीन है, मेरे कहने का इंतजार करती है।


छुपा के रखती है वह बेशक, अपने अरमान हमसे

नादां है, हाल-ए-दिल आंखों से बयान करती है।


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