मुझी से प्यार करती है
मुझी से प्यार करती है


इश्क़ तो उसके दिल में भी है, मुझी से प्यार करती है
कहती नहीं मुझसे मगर, पता है मुझी से प्यार करती है
रोज़ गुजरती है करीब से, नज़रों से सलाम करती है
कोई देख ना ले इसका भी खयाल रखती है।
कभी यूं ही ना आ जाए, मेरा ज़िक्र बातों-बातों में
जनाब, वो हर हर्फ का हिसाब रखती है।
वो कर तो सकती है, इजहारे मोहबात हमसे
जहीन है, मेरे कहने का इंतजार करती है।
छुपा के रखती है वह बेशक, अपने अरमान हमसे
नादां है, हाल-ए-दिल आंखों से बयान करती है।