मुहब्बत नामा
मुहब्बत नामा
पूजा से बढ़कर है ना कोई मिठास, मोहब्बत से बढ़कर है ना कोई आस।
महामंत्र है इसको हर पल जपा कर, मोहब्बत ,मोहब्बत, मोहब्बत ,मोहब्बत।
ए दिल इस हकीकत को अच्छी तरह समझ ले, मोहब्बत ही रब है रब है मोहब्बत।
यह जो अहंकार के पर्दे है तेरे उसके, तो इसे जला दे आग है वह मोहब्बत।
रब खुद बता देता है भेद सब अपने ,जब हो जाती है दिल को उससे मोहब्बत।
अनेक ग्रंथ देते बहुत ज्ञान माना ,मगर ज्ञान ज्ञानों को देती मोहब्बत।
धर्म और कर्म की बुनियाद है अद्वितीय ,लेकिन रहे तेरी नियत में कायम मोहब्बत।
रब को भी रंग ले तू अपने ही रंग में ,अगर दिल में तेरे पूर्ण हो रंगे -मोहब्बत।
कभी लबों पर मुस्कान कभी आंखों में आंसू, अजब और गजब है यह दर्दे- मोहब्बत।
यह इश्क बना देती दीवाना है जिसको ,नहीं काम करती कोई भी नसीहत।
बची है न नफरत को दिल में जगह कुछ ,यहां इस तरह बस गई है मोहब्बत।
अगर "उसे" पाने में तू चाहे सफलता ,तो रब से अपने कर तू मोहब्बत।
फरिश्ते भी करने लगें उसकी पूजा ,मानव यदि खुद में बने मोहब्बत।
करे फिर न कोई भी स्वर्ग की चाहत ,गर जहां में हुकूमत करे मोहब्बत।
सभी इंसान अच्छे हैं यह माना ,मगर चाहिए दिल में होनी मोहब्बत।
अगर दर्दे -दिल अश्क बन करके छलका ,तो हो जाएगी बदनाम तेरी मोहब्बत।
तेरी सभी मुश्किलें होंगी मंजिल की आसाँ, रुक मत पकड़ कर के तू राहे -मोहब्बत।
सभी हैं अलग-अलग एक दूसरे से, मगर एक जैसी सभी में मोहब्बत।
दिए हैं लाखों उपहार इस खुदा ने, मगर सबसे बेहतर है उपहार मोहब्बत।
इस जहां में हर एक चीज होती है बर्बाद ,सुरक्षित सदा रहती है मोहब्बत।
यह कहानी कभी शायद खत्म ना होगी ,अनंत समय से है जारी बयाने- मोहब्बत।
यह माना कि न कीमत है कोई जिंदगी की, मगर है कीमती जिंदगी से मोहब्बत।
उम्र की इसमें कोई सीमा ना होती ,हमेशा जवान रहती है मोहब्बत।
वो हो जाते हैं मशहूर इस दुनिया में ,जिसको यहां कर दे बदनाम मोहब्बत।
इस जमीन पर जो उतरी खुदा के दिल से ,उस पवित्र चीज का नाम है मोहब्बत।
यही जिंदगी का असली मकसद है "नीरज" ,मरते समय में भी हो लबों पे मोहब्बत।