मत बांधो बेडियो से
मत बांधो बेडियो से
मेरे पंखों को मत बांधो बेड़ियों से तुम,
उड़ने की चाहत है मेरी उड़ान भरने दो तुम ।
हुनर बड़ा अजीब रखते हैं चमन वाले यहाँ,
मेरे काबिलियत को बार बार ना परखो तुम ।
मेरे कदमों को बांधने की कोशिश मत करो,
आसमां की उड़ान भर कामयाब मुझे होने दो तुम ।
बहुत मुश्किल से हालातों से समझौता किया है मैंने,
लबों पर आई मुस्कान को ना अब बिखराओ तुम ।
जो नजरें करती थीं परेशान उनसे रूख़ मोड़ लिया,
दुनिया वालों अब ना करो मुझे परेशान तुम ।
हौसला है मुझमें पर कभी-कभी खो बैठती हूँ मैं,
मुझे खुद पर है यकीं बहुत मेरे इम्तिहान ना लो तुम।
जिदंगी का हर जख्म मैं हंसते हुए सहती रही ,
जिदंगी की किताब को बदसूरत ना बनाओ तुम ।।