मोहब्बत
मोहब्बत
फिज़ाओं में रंगत लौट आई हैं
आज ऋ तु मोहब्बत की छाई है
रात केेे आगोश में चांद छुपा है
झिलमिल सितारों की बारात आई है
दूर झरोखे से महबूब झलक नजर आईं है
आंचल ओड महबूबा मन ही मन शरमाई है
अदभुत मिलन की शाम सजाई है
फूलों से सजी सेज उस पर मादकता छलकाई है
फिज़ाओं में रंगत लौट आई हैं
दिल को आज उनकी याद आईं है
मेरे लबों पे मधुर मुस्कान खिलखिलाई है
वो प ह ली मुलाकात की घड़ी याद आईं है
धड़कनें दिले नासाज़ हुई थी
उफ़ इश्क की आंखों ही आंखों में शुरुआत हुई थी
हां मुझे उन से पहली बार मोहब्बत हुुई थी
हां मुझे उन से मोहब्बत हुई थी।