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Jonty dubey

Fantasy Inspirational

4.5  

Jonty dubey

Fantasy Inspirational

मन पंछी

मन पंछी

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मन चाहता है खुले आसमान में उड़ता जाऊँ,

पंछियों संग आसमां में.. मैं भी पंख फैलाऊँ।।


नफरत की दुनिया से खुद को आज़ाद करूँ,

इस पंछी मन को सरहद पार आबाद करूँ।।


कोयल की स्वर में मधुर गीत कोई गाऊं मैं,

कोमल लहजों में फिर अपना ख़्वाब सुनाऊँ मैं।।


अपने ख्वाबों को जीने का सपना लिया जो मन में, 

दूर-दूर तक पंख पसारे उड़ता जाऊँ नील गगन में।।


कर्म धर्म के भेद भुलाकर कुछ दिन जीना चाहे मन ,

उन्मुक्त गगन के पंछी संग कहीं खो जाना चाहे मन।।


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