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Jonty Dubey

Romance

4  

Jonty Dubey

Romance

ख़ामोशी

ख़ामोशी

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मुझ पे तेरी मोहब्बत का इल्जाम 

साबित हो गया, तो क्या हुआ 


दुनिया तो तेरी आरजू की

कसमें खाती हैं 

और मैं तेरे साथ रहकर भी

तन्हा रातों में मारा गया 


मेरे इन आंखों में देख, तुझे इन

आँखों में तेरी चाहत की तस्वीर दिखेगी।


मेरे पास आ, मुख़ातिब हो मुझसे

मुझे ये बता कि मैं तेरा कौन हूँ

हमारे इस रिश्ते को एक नाम दें 


क़बतलक मैं तेरी खामोशी से यूँ ही

अपनी मर्ज़ी के मतलब निकालूंगा।

तेरी खामोशी मुझे अपनी रूहों

से कता-ताल्लुक करती हैं।


बोल ना, कुछ भी बोल दे ! 

जो तेरे जी में आए, बोल दे !

मुझे तो आदत है तुझे याद करने की 

अगर तुझे हिचकियां आती होगी 

तो मुझे माफ कर दे 


तुझे पाने की उम्मीद तो नहीं 

फिर भी तेरा इंतजार है 

मेरी चाहत अधूरी ही सही 

फिर भी तेरे लिए बेशुमार है।


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