मिलने का वादा
मिलने का वादा
मिलने का वादा वो करके ,
मुकर गए ,
ख्वाबों की दुनिया दिखाकर ,
निकल गए,
ये कैसी है वादा खिलाफी ,
दिलबर की,
आंखो में सागर भर कर ,
निकल गए,।
फिर भी दिल न माने देने ,
बद्दुआ उनको,
उनको पाने में सालो जो ,
निकल गए,।
काश मिल जाए जो फिर से,
मेरे दिलबर,
एक बार पूछ तो लेता उनसे ,
क्यों ऐसे गुजर गए,।