महफिल
महफिल
हजारों दीवाने होंगे
महफिल में तुम्हारी
वक्त का तकाजा देखो
बस एक हम न होंगे।
चलेंगे साथ-साथ
कहते ही रह गए हम
और सुनते रह गए तुम
सहमति जताई ना तुमने
तो कदम ना बढ़ाया हमने
एक मंजिल की तलाश में
सफर पर चले कुछ इस तरह
जैसे-जैसे उगती रही झुर्रियां
वैसे-वैसे बढ़ते रहे फासले
हजारों दीवाने होंगे महफिल में
बस हम ही ना होंगे गुनगुनाने को।