कृष्ण
कृष्ण
नटखट सी बाते बोले वो
सब के मन को मोहे वो
मत पूछो कहा छिपा है वो
अंतर मन में बसा है वो
अलग ही राग लापता है वो
बंसी की धुन पर सबको नाचता है वो
नन्हा कृष्ण मुरारी है वो
गोपियों को अपने प्रेम में बंधे है वो।
नटखट सी बाते बोले वो
सब के मन को मोहे वो
मत पूछो कहा छिपा है वो
अंतर मन में बसा है वो
अलग ही राग लापता है वो
बंसी की धुन पर सबको नाचता है वो
नन्हा कृष्ण मुरारी है वो
गोपियों को अपने प्रेम में बंधे है वो।