गोमा आरती !
गोमा आरती !
ऊँ जय माँ गोमा मईया, प्यारी जय माँ गोमा मईया,
धरती और जन -वन को मईया जीवन दान करो,
मईया जीवन दान करो।
जो पूजे फल पाए तुमसे, मैल मिटे तन का,
मईया मैल मिटे तन का।
लह-लह धरती गमके जैसे आभूषण तन का,
मईया आभूषण तन का।
सुख सम्पद की तुम हो थाती,पर्काह्म संस्कृति का,
मईया परचम संस्कृति का।
तुम आश्रय हो सबका मईया, शरण गहूँ किसकी,
मईया शरण गहूँ किसकी।
तुम तीर्थों की प्यारी मईया, तुम पालन हारी,
मईया तुम पालनहारी।
राम ने पाँव पखारे मईया, तुम हो बलिहारी,
मईया तुम हो बलिहारी।
नैमिष की तुम संबल हो मईया,ऋषि-मुनि गुण गाते,
मईया ऋषि-मुनि गुण गाते।
तुम्ही आदि गंगे हो मईया तुम दुःख की हर्ता,
मईया तुम दुःख की हर्ता।
कहीं हो अगम अगोचर मईया छिपकर तुम बहती,
मईया छिपकर तुम बहती।
और कहीं गोचर मुखरित हो तुम नर्तन करती,
मईया तुम नर्तन करती।
अवधपुरी की तुम हो शोभा, नतमस्तक तेरे।
मईया नतमस्तक तेरे।
अपनी कृपा बरसाओ मईया हम सब द्वार खड़े,
मईया हम सब द्वार खड़े।
अपसंस्कृति को हटाओ मईया मुक्ति मिले मन का,
मईया मुक्ति मिले मन का।
श्रद्धा भाव बढ़ाओ मईया शुद्धि बढे तन का,
मईया शुद्धि बढे तन का।
सुख-सम्पदा तुम्हारी मईया भक्त सदा तेरा,
मईया भक्त सदा तेरा।
प्रफुलित ' मन से होकर मईया शीश झुके मेरा,
मईया शीश झके मेरा।
ऊँ जय गोमा मईया,प्यारी जय गोमा मईया,
धरती और जन-वन को मईया जीवन दान करो,
मईया जीवन दान करो।